Mon. Dec 23rd, 2024

हनुमान जी की आठ सिद्धियां  : हनुमान जी की वो आठ सिद्धियां कौन सी हे। जानिए !

By Yash Kacha Jun 6, 2024

हनुमान जी की आठ सिद्धियां 

हनुमान जी की आठ सिद्धियां  : माना जाता है कि हनुमान जी कलयुग में सबसे जागृत देवता हैं। कलयुग में जो भी भक्त हनुमान जी की पूजा करते हैं। उनके जीवन में चल रहे सारे कष्ट शीघ्र ही हनुमानजी हर लेते हैं। आज हम आपको हनुमान जी के बारे में एक विशेष बात बताने जा रहे हैं। हनुमानजी की दिव्य शक्तियों के बारे में हर कोई जानता है। इन शक्तियों को ही हनुमान जी की अष्ठ सिद्धियां कहा जाता है। जिसका वर्णन हनुमान चालीसा में भी आता है। आइए आज जानते हैं उन आठ प्रकार की सिद्धियों के बारे में जो हनुमान जी को प्राप्त हैं।

हनुमान जी की आठ सिद्धियां  

  • अणिमा- अणिमा सिद्धि प्राप्त होने पर शरीर को छोटा और बड़ा किया जा सकता है, इससे शरीर को अति सूक्ष्म बनाया जा सकता है। हनुमान जी के पास इस सिद्धि के होने से वो रामायण काल के समय में किसी भी समय अपने शरीर के आकार को छोटा और बड़ा कर लिया करते थे।
  • महिमा- महिमा सिद्धि प्राप्त होने की वजह स हनुमान जी अपने शरीर को बड़ा कर लेते थे। इस सिद्धि का प्रयोग हनुमान जी ने लंका को पार करते समय सुरसा को हराने के लिए किया था। इस सिद्धि के प्राप्त होने से जीवन में आ रही बड़ी-बड़ी परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • गरिमा- इस सिद्धि से शरीर का वजन विशाल पर्वत के समान कीया जा सकता है और इस सिद्धि के प्राप्त होने से शरीर का रूप एकदम से विकराल भी बनाया जा सकता है। इसलिए रामायण काल के समय हनुमान जी ने अनेक राक्षसों को पराजित किया था।
  • लघिमा- इस सिद्धि से हनुमान जी अपने शरीर का वजन एकदम से हल्रका कर लिया करते थे। इस सिद्धि के होने से विशाल शरीर का वजन एक छोटी सी चीटी के शरीर के वजन के समान किया जा सकता है।
  • प्राप्ति- इस  सिद्धि से अदृश्य चीजों को देखा जा सकता है। पशु-पक्षियों की भाषा को समझ कर उनसे बात की जा सकती है। हनुमान जी ने इस सिद्धि के प्राप्त होने से रामेश्वरम से लंका की ओर जाते हुए कई अदृश्य राक्षसों को पहचान लिया था और उनको पराजित कीया था। 
  • प्राकाम्य- इस सिद्धि से कहीं भी पल भर में आया और जाया जा सकता है, अकाश में उड़ा जा सकता है और जल के अंदर भी कई घंटों बिना सांस लिए जीवित रहा जा सकता है। इसलिए हनुमान जी रामायण काल में अकाश मार्ग से ज्यादातर आया-जाया करते थे। यहां तक की वैद्य के कहने पर वो लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी का पूरा पहाड़ उड़ कर ले आए थे। 
  • ईशित्व- हनुमान जी को अष्ट सिद्धियों में से ईशित्व सिद्धि भी प्राप्त थी। इस सिद्धि से किसी पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है। हनुमान जी ने इसी सिद्धि क वजह से रामायण काल में वानर सेना का नेतृत्व किया था और उनको सही मार्गदर्शन भी किया था।
  • वशित्व- इस सिद्धि के प्राप्त होने से हनुमान जी ने अपनी सारी इंद्रियों पर नियंत्रण रखा था। इस सिद्धि से वह किसी को भी अपने वश में कल लेते थे। इस सिद्धि के प्राप्त होने से मन पर नियंत्रण रख कर किसी भी क्षेत्र में विजय प्राप्त की जा सकती है।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *